इस रंगीन शाम में

इस रंगीन शाम में आओ पकड़म-पकड़ाई खेलें

तुम थामो सूरज, मैं चन्दा, फिर नभ के पार चलें

बदली को हम नाव बनायें, राह दिखाएं देखो पंछी

छोड़ो जग-जीवन की चिंताएं,चल हंस-गाकर जी लें