इरादे नेक हों तो

सिर उठाकर जीने का

मज़ा ही कुछ और है।

बाधाओं को तोड़कर

राहें बनाने का

मज़ा ही कुछ और है।

इरादे नेक हों तो

बड़े-बड़े पर्वत ढह जाते हैं

इस धरा और पाषाणों को भेदकर

गगन को देखने का

मज़ा ही कुछ और है।

बहुत कुछ सिखा जाता है यह अंकुरण

सुविधाओं में तो

सभी पनप लेते हैं

अपनी हिम्मत से

अपनी राहें बनाने मज़ा ही कुछ और है।