इंसानियत के मीत

अपने भीतर झांककर इंसानियत को जीत

कर सके तो कर अपनी हैवानियत पर जीत

पूजा, अर्चना, आराधना का अर्थ है बस यही

कर ऐसे कर्म बनें सब इंसानियत के मीत