आत्मविश्वास :यह अंहकार नहीं है

आत्मविश्वास की डोर लिए चलते हैं यह अभिमान नहीं है।

स्वाभिमान हमारा सम्बल है यह दर्प का आधार नहीं है।

साहस दिखलाया आत्मनिर्भरता का, मार्ग यह सुगम नहीं,

अस्तित्व बनाकर अपना, जीते हैं, यह अंहकार नहीं है।