आत्मनिर्भर हूं

देशभक्ति बस राजगद्दी पर बैठे लोगों की बपौती नहीं है

तिरंगा बेचती हूं,आत्मनिर्भर हूं,कोई फिरौती नहीं है

भिक्षा नहीं,दान नहीं,दया नहीं,आत्मग्लानि भी नहीं

पीड़ा नहीं कि शिक्षित नहीं हैं,मुस्कानों में कटौती नहीं है