आंखों देखी दुनिया

कथा है

कि मिट्टी खाने पर

यशोदा ने कृष्ण को

मुँह खोलकर

दिखाने के लिए कहा था

और यशोदा ने

कृष्ण के मुँह में

ब्रह्माण्ड के दर्शन किये थे।

 

कुछ ऐसा ही ब्रह्माण्ड

हमारी आंखों के भीतर भी है

जिसे हम देख नहीं पाते,

किसी और को क्या दिखाना

हम स्वयं ही

समझ भी नहीं पाते।

 

बड़ी प्रचलित कहावत है

आंखों देखी दुनिया।

किन्तु आश्चर्य कि

हम दुनिया को

कभी भी खुली आंखों से

देख  नहीं पाते।

जब भी दुनिया को समझना होता है

हम आंखें बन्द कर लेते हैं

और शिकायत करते हैं

हमारी समझ से बाहर है यह दुनिया।