अपने आप को खोजती हूं

अपने आप को खोजती हूं

अपनी ही प्रतिच्छाया में।

यह एकान्त मेरा है

और मैं भी

बस अपनी हूं

कोई नहीं है

मेरे और मेरे स्व के बीच।

यह अगाध जलराशि

मेरे भीतर भी है

जिसकी तरंगे मेरा जीवन हैं

जिसकी हलचल मेरी प्रेरणा है

जिसकी भंवर मेरा संघर्ष है

और मैं हूं और

और है मेरी प्रतिच्छाया

मेरी प्रेरणा

सी मेरी भावनाएं

अपने ही साथ बांटती हूं