अधूरा लगता है जीवन जब सिर पर मां का हाथ नहीं होता

मां का कोई नाम नहीं होता, मां का कोई दाम नहीं होता

मां तो बस मां होती है उसका कोई अलग पता नहीं होता

घर के कण-कण में, सहज-सहज अनदेखी-अनबोली मां

अधूरा लगता है जीवन जब सिर पर मां का हाथ नहीं होता