अधिकार और कर्तव्य

अधिकार यूं ही नहीं मिल जाते,कुछ कर्त्तव्य निभाने पड़ते हैं

मार्ग सदैव समतल नहीं होते,कुछ तो अवरोध हटाने पड़ते हैं

लक्ष्य तक पहुंचना सरल नहीं,पर इतना कठिन भी नहीं होता

बस कर्त्तव्य और अधिकार में कुछ संतुलन बनाने पड़ते हैं