अंधेरे का सहारा

ज़्यादा रोशनी की चाहत में

सूरज को

सीधे सीधे

आंख उठाकर मत देखना

आंखें चौंधिया जायेंगी।

अंधेरे का अनुभव होगा।

 

बस ज़रा सहज सहज

अंधेरे का सहारा लेकर

आगे बढ़ना।

भूलना मत

अंधेरे के बाद की

रोशनी तो सहज होती है

पर रोशनी के बाद का

अंधेरा हम सह नहीं पाते

बस इतना ध्यान रखना।