ज़रा-ज़रा-सी बात पर

ज़रा-ज़रा-सी बात पर यूं ही विश्‍वास चला गया

फूलों को रौंदते, कांटों को सहेजते चला गया

काश, कुछ ठहर कर कही-अनकही सुनी होती

हम रूके नहीं,सिखाते-सिखाते ज़माना चला गया