सिल्ली बर्फ़ सी

मन में भावों की सिल्ली बर्फ़ सी

तुम्हारे नेह से पिघल रही तरल-सी

चलो आज मिल बैठें दो बात करें

नयनों से झरे आंसू रिश्तों की छुअन-सी