जीवन के राज़

जिन्हें हम जीवन में

राज़ बनाये रखना चाहते हैं

वे ही सबसे ज़्यादा

चर्चित विषय रहते हैं।

मेरा सुख-दुख

मेरी पसन्द-नापसन्द

मेरी चिन्ताएॅं, मेरी अर्हताएॅं,

मेरी विवशताएॅं,

कहाॅं रह पाती हैं मेरी।

जाने कैसे

मेरे अन्तर्मन से निकलकर

सारे जहाॅं में

चर्चा का विषय बन जाते हैं।

डरती नहीं

पर विश्वस्त भी नहीं रह पाती,

इस कारण

अपनी बात

अपने-आप से ही

नहीं कर पाती।