खोज रहा हूं उस नेता को

खोज रहा हूं उस नेता को
हर पांच साल में आता है
एक रोटी का टुकड़ा
एक घर की चाबी लाता है
कुछ नये सपने दिखलाता, 
पैसे देने की बातें करता
देश-विदेश घूमकर आता
वेश बदल-बदलकर आता
बड़ी-बड़ी गाड़ी में आता
खूब भीड़ साथ में लाता
रोज़गार का वादा करता
अरबों-खरबों की बातें करता
नारों-हथियारों की बातें करता
जात-पात, धर्म, आरक्षण 
का मतलब बतलाता
वोटों का मतलब समझाता
कारड बनवाने की बातें करता
हाथ में परचा थमा कर जाता
बच्चों के गाल बजाकर जाता
बस मैं-मैं-मैं-मैं करता
अच्छी-अच्छी बातें करता
थाली में रोटी आयेगी
लड़की देखो स्कूल जायेगी।


कभी-कभी कहता है
रोटी खाउंगा, पानी पीउंगा।
खाली थाली बजा रहे हैं
ढोल पीटकर बता रहे हैं
पिछले पांच साल से बैठे हैं
अगले पांच साल की आस में।