इतना पानी बरसा

इतना पानी बरसा, देख-देखकर मन डरे

कितने घर उजड़ गये, आंखों में आंसू भरे

सड़कें सागर बन गईं, घर मानों गह्वर बने

कैसे चलेगा जीवन आगे, गहन चिन्ता करें।