नहीं छूटता अतीत

मैं बागवानी तो नहीं जानती।

किन्तु सुना है

कि कुछ पौधे

सीधे नहीं लगते,

उनकी पौध लगाई जाती है।

नर्सरी से उखाड़कर

समूहों में लाये जाते हैं,

और बिखेरकर,

क्यारियों में

रोप दिये जाते हैं।

अपनी मिट्टी,

अपनी जड़ों से उखड़कर,

कुछ सम्हल जाते हैं,

कुछ मर जाते हैं,

और कुछ अधूरे-से

ज़िन्दगी की

लड़ाई लड़ते नज़र आते हैं।

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हम,

जहां अपने अतीत से,

विगत से,

भागने का प्रयास करते हैं,

ऐसा ही होता है हमारे साथ।