. प्रकृति कभी अपना स्वभाव नहीं छोड़ती

बड़ी देर से

समझ पाते हैं हम

प्रकृति

कभी अपना स्वभाव नहीं छोड़ती।

कहते हैं

शेर भूख मर जाता है

किन्तु घास नहीं खाता

और एक बार मानव-गंध लग जाये

तो कुछ और नहीं खाता।

तभी तो

हमारे बड़े-बुज़ुर्ग कह गये हैं

दोस्ती बराबर वालों से करो

गधा भी जब

दुलत्ती मारता है

तो बड़े-बड़ों के होश

गुम हो जाते हैं

और तुम हो कि

जंगल के राजा से

तकरार करने बैठे हो।