नादानियां भी आप ही तो कर रहे हैं हम

बाढ़ की विभीषिका से देखो डर रहे हैं हम

नादानियां भी आप ही तो कर रहे हैं हम

पेड़ काटे, नदी बांधी, जल-प्रवाह रोक लिए

आफ़त के लिए सरकार को कोस रहे हैं हम