मुस्कानों को नहीं छीन सकता कोई

ज़िन्दगियाँ पानी-पानी हो रहीं

जंग खातीं काली-काली हो रहीं

मुस्कानों को नहीं छीन सकता कोई

चाहें थालियाँ खाली-खाली हो रहीं।