मैं उपवास नहीं करती

मैं उपवास नहीं करती।

वह वाला

उपवास नहीं करती

जिसमें बन्धन हो।

मैंने देखा है

जो उपवास करते हैं

सारा दिन

ध्यान रहता है

अरे कुछ नहीं खाना

कुछ नहीं पीना।

अथवा

यह खाना और

यह पीना।

विशेष प्रकार का भोजन

स्वाद

कभी नमक रहित

कभी मिष्ठान्न सहित।

किस समय, किस रूप में,

यही चर्चा रहती है

दो दिन।

फिर

विशेष पूजा-पाठ,

सामग्री,

चाहे-अनचाहे

सबको उलझाना।

मैं बस मस्ती में जीती हूँ,

अपने कर्मों का

ध्यान करती हूँ,

अपनी ही

भूल-चूक पर

स्वयँ प्रायश्चित कर लेती हूँ

और अपने-आपको

स्वयँ क्षमा करती हूँ।