कोई हमें क्यों रोक रहा

आँख बन्द कर सोने में मज़ा आने लगता है।

बन्द आँख से झांकने में मज़ा आने लगता है।

पकी-पकाई मिलती रहे, मुँह में ग्रास आता रहे

कोई हमें क्यों रोक रहा, यही खलने लगता है