इंसानों की बस्ती

इंसानों की बस्ती में चाल चलने से पहले मात की बात होती है

इंसानों की बस्ती में मुहब्बत से पहले घृणा-भाव की जांच होती है

कोई नहीं पहचानता किसी को, कोई नहीं जानता किसी को यहाँ

इंसानों की बस्ती में अपनेपन से ज़्यादा घात लगाने की बात होती है।