अपने कर्मों पर रख पकड़

चाहे न याद कर किसी को

पर अपने कर्मों से डर

न कर पूजा किसी की

पर अपने कर्मों पर रख पकड़ ।

न आराधना के गीत गा किसी के

बस मन में शुद्ध भाव ला ।

हाथ जोड़ प्रणाम कर

सद्भाव दे,

मन में एक विश्वास

और आस दे।