जरा सी रोशनी के लिए

जरा सी रोशनी के लिए

सूरज धरा पर उतारने में लगे हैं

जरा सी रोशनी के लिए

दीप से घर जलाने में लगे हैं

ज़रा-सी रोशनी के लिए

हाथ पर लौ रखकर घुमाने में लगे हैं

ज़रा-सी रोशनी के लिए

चांद-तारों को बहकाने में लगे हैं

ज़रा-सी रोशनी के लिए

आज की नहीं

कल की बात करने में लगे हैं

ज़रा -सी रोशनी के लिए

यूं ही शोर मचाने में लगे हैं।

.

यार ! छोड़ न !!

ट्यूब लाईट जला ले,

या फिर

सी एफ़ एल लगवा ले।।।