निडर होकर उड़े हैं

बादलों के रंगों से मन में उमंग लेकर चले हैं      

चंदा को पकड़कर उड़ान भरकर हम चले हैं          

तम-प्रकाश में उंचाईयों से नहीं डरते हम

झिलमिलाती रोशनियों में निडर होकर उड़े हैं