चौखटे

 समय बदल जाता है

सामान मिट जाता है

वस्तुएँ अर्थहीन हो जाती हैं

किन्तु

उनसे जुड़ी

कहावतें और मुहावरें

पीढ़ी-दर-पीढ़ी

कचोटती रहती हैं।

चौखटें नहीं रहीं

किन्तु

हमारे मन में

हमें

आज भी

बांधकर रख रही हैं

चौखटें।