ईश्वर के रूप में चिकित्सक

कहते हैं

जीवन में निरोगी काया से

बड़ा कोई सुख नहीं

और रोग से बड़ा

कोई दुख नहीं।

जीवन का भी तो

कोई भरोसा नहीं

आज है कल नहीं।

किन्तु

जब जीवन है

तब रोग और मौत

दोनों के ही दुख से

कहाँ बच पाया है कोई।

किन्तु

कहते हैं

ईश्वर के रूप में

चिकित्सक आते हैं

भाग्य-लेख तो वे भी

नहीं मिटा पाते हैं

किन्तु

अपने जीवन को

दांव पर लगाकर

हमें जीने की आस,

एक विश्वास

और साहस का

डोज़ दे जाते हैं

और हम

यूँ ही मुस्कुरा जाते हैं।