रंग-बिरंगी  ज़िन्दगी

इन पत्तों में रंग-बिरंगी दिखती है ज़िन्दगी

इन पत्तों-सी उड़ती-फिरती है ये जिन्दगी

कब झड़े, कब उड़े, हुए रंगहीन, क्या जानें

इन पत्तों-सी धरा पर उतार लाती है जिन्दगी।