बालपन की मस्ती

बालपन की मस्ती है, अपनी पतंग छोड़ेगे नहीं

डालियाॅं कमज़ोर तो क्या, गिरने से डरते नहीं

मित्र हमारे साथ हैं, थामे हाथों में हाथ हैं

सूरज ने बांध ली पतंग, हम उसे छोडे़गे नहीं