छोटे-छोटे घर हैं छोटे-छोटे सपने

छोटे-छोटे घर हैं, छोटे-छोटे सपने

घर के भीतर रहते हैं यहां सब अपने

न ताला-चाबी, न द्वार, न चोर यहां

फूलों से सज्जित, ये घर सुन्दर कितने