प्रकृति का सौन्दर्य

फूलों पर मंडराती तितली को मदमाते देखा

भंवरे को फूलों से गुपचुप पराग चुराते देखा

सूरज की गुनगुनी धूप, चंदा से चांदनी आई

हमने गिरगिट को कभी न रंग बदलते देखा