सत्य-पथ का अनुसरण करें

न विधि न विधान, बस मन में भक्ति-भाव रखते हैं

न धूप-दीप, न दान-दक्षिणा, समर्पण भाव रखते हैं

कोई हमें नास्तिक कहे, कोई कह हमें धर्म-विरोधी

सत्य-पथ का अनुसरण करें, बस यही भाव रखते है।