रंगीनियां तो बिखेर कर ही जाता है

सूर्य उदित हो रहा हो

अथवा अस्त,

प्रकाश एवं तिमिर

दोनों को लेकर आता है

और

रंगीनियां तो

 बिखेर कर ही जाता है

आगे अपनी-अपनी समझ

कौन किस रूप में लेता है।