नदिया की धार के सँग

चल आज नदिया की धार के सँग तन मन सँवारकर देखें

राहों में आते कंकड़- पत्थरों से घर आँगन सँवारकर देखें

कभी गहराती, कभी धीमी, कभी भागती, कभी बिखरती

चल आज नदिया की लय पर अपना जीवन सँवारकर देखें।