यादों के उजाले नहीं भाते

यादों के उजाले

नहीं भाते।

घिर गये हैं

आज के अंधेरों में।

गहराती हैं रातें।

बिखरती हैं यादें।

सिहरती हैं सांसें

नहीं सुननी पुरानी बातें।

बिखरते हैं एहसास।

कहता है मन

नहीं चाहिए यादें।

बस आज में ही जी लें।

अच्छा है या बुरा

बस आज ही में जी लें।