यह मेरा शिमला है

बस एक छोटी सी सूचना मात्र है

तुम्हारे लिए,

कि यह शहर

जहां तुम आये हो,

इंसानों का शहर है।

इसमें इतना चकित होने की

कौन बात है।

कि यह कैसा अद्भुत शहर है।

जहां अभी भी इंसान बसते हैं।

पर तुम्हारा चकित होना,

कहीं उचित भी लगता है ।

क्योंकि ,जिस शहर से तुम आये हो,

वहां सड़कों पर,

पत्थरों को चलते देखा है मैंने,

बातें गाड़ियां और मोटरें करती हैं हवा से।

हंसते और खिलखिलाते हैं

भोंपू और बाजे।

सिक्का रोटी बन गया है।

 पर यह शहर जहां तुम अब आये हो,

यहां अभी भी इंसान ही बसते हैं।

स्वागत है तुम्हारा।