मुखौटे बहुत चढ़ाते हैं लोग

गुब्बारों में हँसी लाया हूँ

चेहरे पर चेहरा लगाकर

खुशियों का

सामान बांटने आया हूँ।

कुछ पल बांट लो मेरे साथ

जीवन को हँसी

बनाने आया हूँ।

चेहरों पर

मुखौटे बहुत चढ़ाते हैं लोग

पर मैं अपने मुखौटै से

तुम्हें हँसाने आया हूँ।

गुब्बारे फूट जायेंगे

हवा बिखर जायेगी,

या उड़ जायेंगे आकाश में

ग़म न करना

ज़िन्दगी का सच

समझाने आया हूँ।