और कितना सच कहूं

सच कहूं तो

अब सच बोलने का मन नहीं करता।

सच कहूं तो

अब मन किसी काम में नहीं लगता।

सच कहूं तो

अब कुछ भी यहां अच्छा नहीं लगता।

सच कहूं तो

अब कुछ लिखने में मन नहीं लगता।

सच कहूं तो

अब विश्वास लायक कोई नहीं दिखता।

सच कहूं तो

अब रफ्फू सीने का मन नहीं करता।

सच कहूं तो

अब रिश्ते सुलझाने का मन नहीं करता।

सच कहूं तो

अब अपनों से ही बात करने का मन नहीं करता।

सच कहूं तो

अब हंसने या रोने का भी मन नहीं करता।

सच कहूं तो

अब सपनों में जीने का मन नहीं करता।

सच कहूं तो

अब तुमसे भी बात करने का मन नहीं करता।